Tuesday, January 18, 2011

बीड़ी बनाने में ख़त्म हो गयी जिंदगी

पिछले दिनों एक बीडी सर्वे के दौरान बिहार के कुछ जिलों में जाने का मौका मिला ! जहां हजारो महिला बाल मजदूर बीड़ी बनाने में लगे है। अपने परिवार का पेट पालने के लिये बीड़ी बनाने के काम में जुटे ये मजदूर जहां एक ओर अपने मालिकों के शोषण का शिकार हो रहे है। वहीं ये मजदूर दमा, यक्ष्मा जैसे रोग से ग्रसित हैं। इस पेशे में अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय के परिवार लगे हैं।

केन्द्र सरकार ने इन श्रमिकों के लिये आवास निर्माण, छात्रों के लिये छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य सेवा, चश्मा, मातृत्व लाभ बीमा योजना तथा एक हजार बीड़ी बनाने की मजदूरी 79 रुपये निर्धारित किया है। किंतु इन मजदूरों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।

अररिया जिले की बीड़ी मजदूर महिला शाबा खातून बताती है कि यक्ष्मा रोग से 10 वर्षो से पीड़ित है किंतु इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। अस्मा बेगम , असमीन खातून, नुसरत परवीन तथा अन्य महिलायें लड़कियां भी कई गंभीर रोग से ग्रसित हैं।

शाबा खातून बताती है कि पांच सौ बीड़ी एक दिन में बनाने पर मजदूरी 15 से 17 रुपये मिलते है। कंपनी सूखा पत्ता और सूता देती है। बीड़ी बनाकर कंपनी के एजेंट के यहां पहुंचा देती हूं। मजबूरी में परिवार के छोटे-छोटे बच्चे भी बीड़ी बनाने में मदद करते हैं। अस्मा बेगम बताती है कि सरकारी लाभ के दैय हई। हमरा अर कोई देखै बला नाय छै। ऐकेला आदमी कमै बला परिवार पांच सदस्य के। पूर्ति केना होते। जेकरा कोय चीज के उपाय नाम छै उहे बीड़ी बनाकअ कउने तरहे एक शाम खाकअ जियै छियै। दवा, कपड़ा बगैर मरै छिये।

10 वर्षीय शकीना गरीबी के कारण स्कूल नहीं जाती है। माता के बीड़ी बनाने के काम में मदद करती है।

झाझा जिले के बीड़ी मजदूर नेता मो. शकील ने रोगग्रस्त इन मजदूरों के इलाज के लिये क्षेत्र में एक अस्पताल खोलने की मांग सरकार से की है। लेकिन उससे क्या होगा ????????

Tuesday, January 11, 2011

तम्बाकू उत्पादनों पर चित्रमय चेतावनियों का सख्ती से अनुपालन नहीं !

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के १५ मार्च २००८ को जारी निर्देश के अनुसार ३१ मई २००९ के बाद पूरे देश में तम्बाकू उत्पादनों पर चित्रमय चेतावनी लगाना कानूनन जरूरी हो गया है।

परन्तु एक संस्था द्वारा बीडी सर्वे से पता चलता है की भारत में जगह जगह बीडी पर चित्रमय चेतावनी नहीं लगायी जा रही हैं और इस सरकारी निर्देश का उल्लंघन हो रहा है। इस सर्वे में भारत के ११ हिंदी प्रदेशों से लगभग ४५० बीडी नमूनों को परखा गया जिसमें केवल १०% ब्रांड पाए गए जिनपर चित्रमय चेतावनी लगी थी ! बाकि के ९०% पर नहीं लगी थी।

"जिस इरादे के साथ यह चित्रमय चेतावनी निर्देश जारी किया गया है, उसको पूर्ण नहीं किया जा रहा है. चित्रमय चेतावनी को लागू करने में यूँ भी दो साल से अधिक तक की देरी की गई और अब जब यह जारी हुआ तो इसको लागू कमजोरी से किया जा रहा है। चित्रमय चेतावनी निर्देश को लागू करने (३० मई २००९) से ठीक २ महीने बाद, ३० जुलाई २००९ को उन अधिकारियों को सरकारी निर्देश द्वारा सूचित किया गया जो इसको लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं. तब तक अधिकतर तम्बाकू कंपनियां इस निर्देश का उल्लंघन कर चुकीं थीं"

यह एक षडयंत्र जैसा ही है कि चित्रमय चेतावनी निर्देश के जारी होने के इतने समय के बाद भी सभी तम्बाकू उत्पादनों पर चेतावनी नियमानुसार नहीं छप रही है और उद्योग जगत इस जन हितैषी नीति को दरकिनार करने का हर सम्भव प्रयास कर रहा है. यह सभवत: ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकारी निर्देश में 'विक्रय' शब्द को बदल कर 'निर्मित/ आयात' शब्द छपा है जिससे तम्बाकू उद्योग को यह संदेश चला गया है कि इस निर्देश के प्रति हम संजीदा नहीं है,

http://picasaweb.google.com/IMCFJ.LKO/BidiSSamples#

Monday, January 10, 2011

धूम्रपान से बाल झड़ने का खतरा

धूम्रपान करने से कैंसर का खतरा होता है यह तो सभी जानते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने अब दावा किया है किधूम्रपान करने से बालों में गंजेपन का खतरा बढ़ जाता है | रोजाना २० सिगरेट पीने कि लत को गंजेपन के बढ़े हुए खतरे से जोड़ा गया है | शोधकर्ताओं का कहना है कि धूम्रपान बालों के छिद्र या उन कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है जो खून और हार्मोन को रास्ता देते हैं|

Saturday, January 8, 2011

कैंसर से बचने के लिए तंबाकू छोड़ें : डॉ सिंह

डालटनगंज : तंबाकू मुक्त जीवन ही कैंसर से बचाव का बड़ा माध्यम है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वे स्वस्थ जीवन का चुनाव करें, तंबाकू का नहीं। उक्त बातें महावीर कैंसर संस्थान, पटना के निदेशक डा.जितेंद्र कुमार सिंह ने कहीं। वे रविवार को रोटरी क्लब संस्थान की ओर से आयोजित कैंसर जांच शिविर के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मौके पर पद्मश्री डा.आरएन सिंह,पलामू के आरडीडीएच डा.आरपी सिन्हा, रोटरी अध्यक्ष आनंद शंकर, डा. सुबोध कुमार सिन्हा, डा.जितेंद्र कुमार, डा.बीपी सिंह समेत कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे। अपने संबोधन में डा.सिंह ने कहा कि कैंसर जानलेवा नहीं है। इसका इलाज है। यह पूर्णत: ठीक हो सकता है। शर्त है कि इसकी पहचान शुरुआत में ही हो जाए। रोटरी अध्यक्ष आनंद शंकर ने कहा कि रोटरी क्लब पलामू के लोगों के बेहतर स्वास्थ्य लाभ को लेकर कृतसंकल्प है। कैंसर जांच शिविर इसी की एक कड़ी है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही रोटरी क्लब द्वारा असाध्य रोगों के बेहतर इलाज को लेकर कैंप लगाया जाएगा। साथ ही हर्ट की जांच से संबंधित जागरूकता अभियान चलाकर देश के बेहतर चिकित्सकों की टीम यहां बुलाई जाएगी। इसके पूर्व शिविर में कैंसर के 163 हड्डी के 165 रोगियों की जांच की गई। इसमें गंभीर रूप से पीड़ित व्यक्ति का इलाज रोटरी के सहयोग से महावीर कैंसर संस्थान में कराया जाएगा। कार्यक्रम में पटना महावीर कैंसर संस्थान के छह नामी चिकित्सकों ने भाग लिया। इसके पूर्व आरडीडीएच ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की तथा लोगों को विभिन्न रोगों से बचाव का रास्ता बताया।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jharkhand/4_8_7090569_1.html

Thursday, January 6, 2011

टीटीई अब धूम्रपान करने वालों पर भी रखेंगे नजर

नगर संवाददाता & जयपुर

रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों व रेलवे स्टेशनों पर धूम्रपान पर रोक के लिए अब ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर

(टीटीई) व टिकट चेकर (टीसी) को भी अधिकृत कर दिया गया है। जयपुर रेल मंडल ने अपने अधीन

सभी टीटीई व टीसी को गुरुवार को निर्देश दिया कि वे टिकट चेकिंग के दौरान बीड़ी, सिगरेट व शराब

पीने वाले यात्रियों का भी ध्यान रखें और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करें। मंडल से मिली जानकारी

के अनुसार रेल मंत्रालय ने ट्रेनों व स्टेशनों पर धूम्रपान पर रोक के लिए विशेष अभियान चलाने की

घोषणा की है। इसी के अंतर्गत इन अधिकारियों को ऐसे यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत

किया गया है।

Ref: http://epaper.bhaskar.com/Details.aspx?id=14388&boxid=123114029609