Tuesday, January 11, 2011

तम्बाकू उत्पादनों पर चित्रमय चेतावनियों का सख्ती से अनुपालन नहीं !

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के १५ मार्च २००८ को जारी निर्देश के अनुसार ३१ मई २००९ के बाद पूरे देश में तम्बाकू उत्पादनों पर चित्रमय चेतावनी लगाना कानूनन जरूरी हो गया है।

परन्तु एक संस्था द्वारा बीडी सर्वे से पता चलता है की भारत में जगह जगह बीडी पर चित्रमय चेतावनी नहीं लगायी जा रही हैं और इस सरकारी निर्देश का उल्लंघन हो रहा है। इस सर्वे में भारत के ११ हिंदी प्रदेशों से लगभग ४५० बीडी नमूनों को परखा गया जिसमें केवल १०% ब्रांड पाए गए जिनपर चित्रमय चेतावनी लगी थी ! बाकि के ९०% पर नहीं लगी थी।

"जिस इरादे के साथ यह चित्रमय चेतावनी निर्देश जारी किया गया है, उसको पूर्ण नहीं किया जा रहा है. चित्रमय चेतावनी को लागू करने में यूँ भी दो साल से अधिक तक की देरी की गई और अब जब यह जारी हुआ तो इसको लागू कमजोरी से किया जा रहा है। चित्रमय चेतावनी निर्देश को लागू करने (३० मई २००९) से ठीक २ महीने बाद, ३० जुलाई २००९ को उन अधिकारियों को सरकारी निर्देश द्वारा सूचित किया गया जो इसको लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं. तब तक अधिकतर तम्बाकू कंपनियां इस निर्देश का उल्लंघन कर चुकीं थीं"

यह एक षडयंत्र जैसा ही है कि चित्रमय चेतावनी निर्देश के जारी होने के इतने समय के बाद भी सभी तम्बाकू उत्पादनों पर चेतावनी नियमानुसार नहीं छप रही है और उद्योग जगत इस जन हितैषी नीति को दरकिनार करने का हर सम्भव प्रयास कर रहा है. यह सभवत: ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकारी निर्देश में 'विक्रय' शब्द को बदल कर 'निर्मित/ आयात' शब्द छपा है जिससे तम्बाकू उद्योग को यह संदेश चला गया है कि इस निर्देश के प्रति हम संजीदा नहीं है,

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