Monday, February 21, 2011

एक मार्च से प्लास्टिक पाउच में नहीं बिकेगा गुटखा

सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को गुटखा और पान मसाला की प्लास्टिक पाउच में बिक्री पर प्रतिबंध की तारीख पहली मार्च से आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया।जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस एके गांगुली की पीठ ने प्लास्टिक पाउच में गुटखा की बिक्री पर प्रतिबंध के 7 दिसंबर के आदेश में राहत देने से इनकार करते हुए विशेष समिति की खोजबीन को रिकॉर्ड में ले लिया। केंद्र की ओर से गठित समिति ने कहा है कि तंबाकू उत्पाद मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। पीठ ने सरकार की ओर से 4 फरवरी को जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाले विभिन्न आवेदनों पर जवाब तलब किया है। केंद्रीय कानून प्लास्टिक प्रबंधन निस्तारण नियम-2009 के लागू होने पर गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों की प्लास्टिक पाउच में पैकिंग पर प्रतिबंध लग जाएगा। सरकार ने इस कानून को सर्वोच्च अदालत के निर्देश पर दो दिनों के भीतर अधिसूचित किया था। अदालत ने 2 फरवरी को सरकार को दो दिनों के भीतर कानून लागू कराने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया था। अधिसूचना के खिलाफ अदालत में दाखिल अंतरिम आवेदनों पर पीठ ने सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम से कहा कि आप इसे इतना लंबा क्यों खींच रहे हैं। इस पर सुब्रमण्यम ने कहा कि अदालत के निर्देश का अनुपालन कर अधिसूचना जारी की जा चुकी है। समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार विशेष समिति में व्यस्त थी। उन्होंने अदालत को बताया कि पूरे विश्व में मुंह के कैंसर के 86 प्रतिशत मामले भारत में होते हैं और 90 फीसदी मामलों में यह चबाने वाले तंबाकू उत्पादों की वजह से होता है।

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